ICCL - SLB Margin
मार्जिन
1.1 मार्जिन प्रक्रिया

एसएलबीएस में सभी प्रतिभागियों को उक्त खंड में उनके लेनदेन के आधार पर मार्जिन पर रखा जाएगा। आईसीसीएल नीचे दिए गए विवरण के अनुसार विभिन्न मार्जिन की गणना, संग्रह और रिलीज करेगा

टी दिन पर कर्ज देने के सौदे
उधार देने के सौदों पर मार्जिन के रूप में उधार मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत लगाया जाएगा। वर्तमान में निश्चित 25 प्रतिशत की दर लागू है जो समय-समय पर आईसीसीएल द्वारा निर्दिष्ट की जा सकती है। प्रतिभूतियों के शीघ्र भुगतान के मामले में ऋणदाता पर कोई मार्जिन नहीं लगाया जाएगा। उधार लेनदेन भी दिन के अंत में मार्क टू मार्केट मार्जिन के अधीन होगा।

टी दिन पर कर्ज लेने के सौदे
उधार लेने से सौदों पर टी दिन पर मार्जिन के रूप में उधार शुल्क का एक निश्चित प्रतिशत लगाया जाएगा। निश्चित प्रतिशत 100% होगा या जो समय-समय पर आईसीसीएल द्वारा निर्दिष्ट किया जा सकता है।

एसएलबीएस सौदों के रिटर्न लेग पर मार्जिन
उधारकर्ता को उनके उधार सौदों के रिटर्न लेग पर निम्नलिखित मार्जिन लगाया जाएगा:
  • वैल्यू एट रिस्क (वीएआर) मार्जिन
  • अत्यधिक हानि मार्जिन (ईएलएम)
  • मार्क टू मार्केट मार्जिन (एमटीएम)
  • लेंडिंग प्राइस (अर्थात उधार लिए गए शेयरों का मूल्य)
रिटर्न लेग सौदों में ऋणदाता प्रतिभागी पर कोई मार्जिन नहीं लगाया जाएगा।

1.2 एसएलबीएस सौदों पर मार्जिन की गणना और संग्रह

उधार शुल्क

Lending Fees


उधार मूल्य

Lending Price


वीएआर मार्जिन और ईएलएम मार्जिन

VaR Margin and ELM Margin


एमटीएम मार्जिन

  • एमटीएम मार्जिन की गणना, बीएसई के इक्विटी कैश सेगमेंट में, दिन के अंत में, प्रतिभूति के प्रत्येक लेनदेन को चिह्नित करके की जाएगी। यदि इक्विटी कैश सेगमेंट में किसी विशेष दिन प्रतिभूति का कारोबार नहीं किया गया है, तो बीएसई में उपलब्ध नवीनतम समापन मूल्य को समापन मूल्य माना जाएगा।
  • एमटीएम प्रतिदिन, दिन के अंत में प्रतिभागी की ग्रॉस ओपन पोजीशन पर एकत्र किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए ग्रॉस ओपन पोजीशन का अर्थ होगा प्रतिभागी के सभी क्लाइंट्स में सभी पोजीशनों का योग, जिसमें उसकी मालिकाना स्थिति भी शामिल होती है। इस प्रयोजन के लिए, एक ग्राहक की स्थिति को उसकी विभिन्न प्रतिभूतियों में नेट किया जाएगा और एक प्रतिभागी के सभी ग्राहकों की स्थिति को मिलाया जाएगा।
  • इस तरह के एमटीएम शाम को प्रतिभागी से एकत्र किए जाएंगे, जो पहले उसकी तरल संपत्ति के उपलब्ध नकदी और नकद समकक्ष घटक से समायोजित की जायेगी बाद में शेष एमटीएम को उसी दिन उनके समाशोधन बैंकों के माध्यम से नकद के रूप में समायोजित किया जाएगा।
  • दो निपटानों के बीच, एमटीएम के मुनाफे के सामने पोजीशन का कोई नेटिंग ऑफ और सेटऑफ नहीं होगा। हालांकि, दिन के एमटीएम लाभ/हानि की गणना के लिए, एमटीएम मुनाफे के सामने नेटऑफ़ या सेटऑफ़ की अनुमति होगी।
प्रतिभागियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि अगले लेनदेन के दिन व्यवसाय शुरू करने से पहले दिन के अंत में मार्जिन और अन्य नकद दायित्वों को पूरा कर लें, ऐसा न करने पर ऑर्डर मिलान प्लेटफॉर्म में किसी भी नए लेनदेन को निष्पादित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कस्टोडियल लेनदेन से संबंधित मार्जिन

  • एक कस्टोडियन द्वारा निपटान किये जाने वाले लेन-देन के संबंध में, एक प्रतिभागी द्वारा दर्ज किए गए सौदे के समय से लेकर इसकी पुष्टि होने तक का मार्जिन प्रतिभागी पर लगाया जाएगा। कस्टोडियन द्वारा उक्त लेनदेन की पुष्टि होने पर, कस्टोडियन को ऐसे लेनदेन पर लागू मार्जिन लगाया जाएगा।
  • कस्टोडियन द्वारा अस्वीकृति के मामले में, अस्वीकार किए गए लेनदेन का मार्जिन प्रतिभागी पर लगाना जारी रहेगा।

1.3 मार्जिन से छूट

मार्जिन से छूट उन मामलों में दी जाएगी जहां प्रतिभूतियों का जल्दी भुगतान किया जाता है। प्रतिभागियों के पास संबंधित लेनदेन के निष्पादन से पहले/ बाद में प्रतिभूतियों का शीघ्र भुगतान करने की सुविधा है।

1.4 अवरुद्ध मार्जिन, उधार शुल्क और उधार मूल्य जारी करना:

ब्लॉक्ड मार्जिन, लेंडिंग फीस और लेंडिंग प्राइस संबंधित लेन-देन के पे-इन के पूरा होने पर और शेयरों की जल्दी पे-इन / जल्दी वापसी पर, जारी किया जाएगा।

1.5 मार्जिन कम पडना

प्रतिभागियों को अपनी मार्जिन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर समय आईसीसीएल के पास पर्याप्त तरल संपत्ति बनाए रखनी होगी। आईसीसीएल समय-समय पर निर्धारित किये गये नियमों के तहत उधारकर्ता के सौदे के लिए तय मार्जिन में कमी होने पर पर उधार लेनदेन को रद्द कर दिया जायेगा। उधारदाताओं को उधार शुल्क के साथ प्रतिभूतियां वापस कर दी जाएंगी।