ICCL - Equity Liquid Assets
तरल संपत्तियों की संरचना

नगद खंड में ट्रेडिंग के लिए तरल संपत्तियों को अलग से रखा जाता है।

क्लियरिंग सदस्यों से आईसीसीएल द्वारा स्वीकार्य तरल संपत्ति के प्रकार और लागू हेयरकट और कंसंट्रेडेड सीमाएं निम्न हैं:

नगद घटक: नगद और नगद समकक्ष
पात्र कौलेटेरल हेयर-कट टिप्पणियां
नगद हेयर-कट नहीं कोई सीमा नहीं
बैंक गारंटी ("बीजी") हेयर-कट नहीं

*सेबी द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार एकल जारीकर्ता के लिए एक्सचेंज के एक्सपोजर की सीमा।

(परिपत्र संख्या एमआरडी/डीओपी/एसई/परिपत्र-07/2005 दिनांक 23 फरवरी, 2005)
बैंक सावधि जमा रसीदें ("एफडीआर") हेयर-कट नहीं कोई सीमा नहीं
लिक्विड म्यूचुअल फंड (या) सरकारी प्रतिभूतियों की म्युचुअल फंड इकाइयां (सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने वाली, फिर चाहे किसी भी नाम से पुकारा जाता हो) 10% कोई सीमा नहीं
केंद्र सरकार की प्रतिभूतियां 2% / 5% / 10% कोई सीमा नहीं
सॉवरेन गोल्ड बांड 10% कोई सीमा नहीं
टी-बिल 2% कोई सीमा नहीं
गैर- नगद समकक्ष
पात्र कौलेटेरल हेयर-कट टिप्पणियां
तरल (समूह-I) इक्विटी शेयर (तरलता के आधार पर शेयरों के वर्गीकरण के लिए निर्धारित मानदंड के अनुसार)।

संबंधित शेयरों के लिए वीएआर मार्जिन

**सेबी द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार एकल जारीकर्ता के लिए एक्सचेंज के एक्सपोजर की सीमा।
म्यूचुअल फंड (नगद समकक्ष के तहत सूचीबद्ध के अलावा) वीएआर मार्जिन  
एए (या उच्चतर) रेटेड कॉरपोरेट बॉन्ड 10% क्लियरिंग सदस्य की कुल तरल संपत्ति के 10% से अधिक नहीं।

*एक्सचेंज या तो रुपये के रूप में या ट्रेड गारंटी फंड (टीजीएफ) / सेटलमेंट गारंटी फंड (एसजीएफ) के प्रतिशत के रूप में एक्सपोजर सीमाएं निर्धारित करेंगे, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी एक बैंक के यहां हो सकती हैं। कुल एक्सपोजर में बैंक द्वारा स्वयं या दूसरों के लिए प्रदान की गई गारंटी के साथ-साथ बैंक की ऋण या इक्विटी प्रतिभूतियां शामिल होंगी जिन्हें सदस्यों ने कुल तरल संपत्ति के लिए जमा किया है।

टीजीएफ/एसजीएफ के 5% से अधिक या एक्सचेंज में जमा की गई कुल तरल संपत्ति का 1%, जो भी कम हो, किसी भी ऐसे बैंक के पास नहीं रखा जाएगा, जिसकी कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये से कम है और जिसे आरबीआई, मान्यता प्राप्त क्रेडिट रेटिंग एजेंसी या एक प्रतिष्ठित विदेशी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा पी1 (या पी1+) या समकक्ष, रेट नहीं किया गया है। साथ ही टीजीएफ/एसजीएफ के 50% से अधिक या एक्सचेंजों में जमा कुल तरल संपत्ति का 10%, जो भी कम हो  ऐसे सभी बैंकों में एक साथ रखा जाना जाहिए।

**एक्सचेंज या तो रुपये के संदर्भ में या ट्रेड गारंटी फंड (टीजीएफ)/सेटलमेंट गारंटी फंड (एसजीएफ) के प्रतिशत के रूप में एक्सपोजर सीमाएं निर्धारित करेंगे जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एकल जारीकर्ता के पास रख सकते हैं और किसी भी मामले में किसी एकल जारीकर्ता को टीजीएफ/ एसजीएफ एक्सचेंज के टीजीएफ/एसजीएफ का हिस्सा बनने वाली कुल तरल संपत्ति के 15% से अधिक नहीं होगा।





  • नगद/ नगद समकक्ष घटक कुल तरल संपत्तियों का कम से कम 50% होना चाहिए।
  • इसलिए, कुल नगद/ नगद समकक्ष घटक से अधिक गैर-नगद समतुल्य घटक को कुल तरल संपत्तियों के हिस्से के रूप में नहीं माना जाएगा।
  • इसके अलावा, नगद समकक्ष और गैर-नगद समकक्ष के रूप में जमा की गई तरल संपत्तियां, लागू हेयरकट, एकल बैंक और एकल जारीकर्ता एक्सपोजर सीमा के अनुसार है जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा बीएसई/ आईसीसीएल द्वारा समय-समय पर जारी किए गये या किये जा सकने वाले अन्य परिपत्र /दिशानिर्देश द्वारा जारी दिशानिर्देशों आदि के मानदंडों के अधीन हैं।
अतिरिक्त तरल संपत्ति

क्लियरिंग सदस्य तरल संपत्तियों की संरचना के आधार पर किसी भी समय अतिरिक्त तरल संपत्ति जमा कर सकते हैं, जैसा कि ऊपर वर्णित है।

नगद जमा:

Additional Liquid Assets


  • क्लियरिंग सदस्यों को तरल संपत्तियो के लिए नगद कौलेटेरल बढ़ाने के लिए ऑनलाइन वेब-आधारित सुविधा क्लास मॉड्यूल के माध्यम से इसके संबंध में अपने संबंधित क्लियरिंग बैंकों को ऑनलाइन निर्देश भेजने की आवश्यकता है।
  • वैकल्पिक रूप से, किसी भी आकस्मिकता के मामले में क्लियरिंग सदस्य और उनके नामित क्लियरिंग बैंक अपने विवेक पर नकद कौलेटेरल के लिए मैन्युअल अपडेट की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए, सदस्य अपने क्लियरिंग बैंकों को लिखित रूप में आईसीसीएल को नकद कौलेटेरल जमा निर्देश की पुष्टि फैक्स, पत्र या ईमेल के जरिए दे सकते हैं। । क्लियरिंग बैंकों से प्राप्त इस तरह की लिखित पुष्टि के आधार पर, आईसीसीएल सदस्यों के नकद कौलेटेरल जमा को सिस्टम में मैन्युअल रूप से अपडेट कर देगा।

बैंक सावधि जमा रसीदें (FDRs)

Bank Fixed Deposit Receipts (FDRs)

  • पत्र के साथ व्यवस्थित दस्तावेज होने पर आईसीसीएल असे स्वीकार करेगा और जारीकर्ता बैंक के साथ उक्त दस्तावेज के विवरण की पुष्टि करने के बाद संबंधित क्लियरिंग सदस्य को इसके संबंध में लाभ प्रदान करेगा।
  • एफडीआर का नवीनीकरण: क्लियरिंग सदस्य कवरिंग पत्र के साथ निर्धारित प्रारूप में संबंधित बैंक को आवेदन करके तरल संपत्ति के लिए जमा किये गये एफडीआर का नवीनीकरण करा सकते हैं।

क्लियरिंग सदस्य अपनी तरल संपत्तियों के लिए आईसीसीएल के पक्ष में सावधि जमा रसीदों को इलेक्ट्रॉनिक रूप (EFDRs) में नयी जमा/ नवीनीकृत भी करा सकते हैं। ईएफडीआर जारी / नवीकरण करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • जो सदस्य इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, वे किसी भी सूचीबद्ध बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
  • सदस्यों को सदस्य कोड क्रमांक, जिस खंड के लिए तरल संपत्ति (कौलेटेरल) एफडीआर जमा करानी है उसका नाम, राशि, कार्यकाल आदि आवश्यक दस्तावेज और जानकारी जमा कराने की आवश्यकता है।
  • बैंक से एफडीआर सृजित/नवीनीकृत करने और आईसीसीएल के पक्ष में ग्रहणाधिकार अंकित करने का अनुरोध करें।
  • तदनुसार, बैंक आईसीसीएल के पक्ष में धारणाधिकार चिह्नित करने के साथ एफडीआर जारी/नवीनीकृत कर सकते हैं और आईसीसीएल द्वारा प्रदान की गई प्रणाली के माध्यम से आईसीसीएल को इलेक्ट्रॉनिक रूप से एफडीआर की जानकारी व पुष्टि करते हैं।
बैंक गारंटी (बीजी)

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जारी बीजी को क्लियरिंग सदस्य के कवरिंग पत्र के साथ निर्धारित प्रारूप में जमा किया जा सकता है। आईसीसीएल पत्र/पत्रों के साथ सही तरीके से प्राप्त दस्तावेज स्वीकार करेगा और जारीकर्ता बैंक के साथ उक्त दस्तावेज के विवरण की पुष्टि करने के बाद संबंधित क्लियरिंग सदस्य को इसके संबंध में सुविधा प्रदान करेगा।
  • क्लियरिंग सदस्य, दावे की अवधि के साथ/ अवधि के बिना बैंक गारंटी जमा कर सकते हैं। ऐसे मामलों में, जहां बैंक गारंटी को दावा अवधि के बिना जमा किया जाता है, बैंक गारंटी की तिथि समाप्त होने से कम से कम सात दिन पहले या आईसीसीएल द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट अन्य अवधि पर बैंक गारंटी की राशि सदस्य की तरल संपत्ति से हटा दी जाएगी।

    Bank Guarantee (BGs)

  • बीजी का नवीकरण: क्लियरिंग सदस्य संबंधित बैंक के निर्धारित प्रारूप में प्राप्त नवीनीकृत पत्र के साथ अपना कवरिंग पत्र आईसीसीएल को देकर, तरल संपत्ति के लिए जमा बीजी का नवीनीकरण करा सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक रूप में बैंक गारंटी

क्लियरिंग सदस्य अपनी तरल संपत्तियों के लिए आईसीसीएल के पक्ष में इलेक्ट्रॉनिक रूप में बैंक गारंटियों को जमा /नवीनीकृत भी कर सकते हैं।
विवरण के लिए सदस्य परिपत्र संख्या 20150903-26, दिनांक 03 सितंबर 2015 को देख सकते हैं।

तरल संपत्तियों के लिए डीमैट प्रतिभूतियों/एमएफ इकाइयों को गिरवी रखना:

क्लियरिंग सदस्य अपनी तरल संपत्तियों में जमा करने के लिए प्रतिभूतियों/इकाइयों को आईसीसीएल के पक्ष में गिरवी रख सकते हैं। इस संबंध में पुष्टि हासिल होने पर आईसीसीएल अपेक्षित सुविधा प्रदान कर देगी।

Pledging of demat Securities/MF units towards Liquid Assets

  • क्लियरिंग सदस्य पात्र प्रतिभूतियों और एमएफ इकाइयों को तरल संपत्ति के लिए अभौतिक रूप में गिरवी स्वरूप जमा कर सकते हैं। पात्र प्रतिभूतियों और इकाइयों की सूची बीएसई/ आईसीसीएल वेबसाइट पर उपलब्ध है। इन प्रतिभूतियों और इकाइयों को नामित डिपॉजिटरी खातों में आईसीसीएल के पक्ष में गिरवी रखा जा सकता है।
  • तरल संपत्तियों के लिए जमा की गई प्रतिभूतियों और इकाइयों का मूल्यांकन आईसीसीएल द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानदंडों और सीमाओं के अनुसार किया जाएगा। प्रतिभूतियों का मूल्य इस तरह के हेयरकट के अधीन होगा जैसा कि आईसीसीएल द्वारा समय-समय पर प्रतिभूतियों के कौलेटेरल मूल्य पर पहुंचने के लिए निर्धारित किया जाता है। आईसीसीएल आवधिक अंतराल पर प्रतिभूतियों और इकाइयों का मूल्यांकन करेगा और कटौती के बाद प्रतिभूतियों/इकाइयों के शुद्ध मूल्य की सीमा तक सुविधा देने पर विचार किया जाएगा। आईसीसीएल समय-समय पर अनुमोदित प्रतिभूतियों/ इकाइयों की सूची और उनके संबंध में मानदंडों को संशोधित कर सकता है।
  • क्लियरिंग सदस्य यह भी सुनिश्चित करेंगे कि केवल पात्र प्रतिभूतियां गिरवी रखी गई हैं और आईसीसीएल के पास उनकी तरल संपत्ति के लिए रखी हुई हैं और उक्त प्रतिभूतियां किसी भी लॉक-इन अवधि में नहीं हैं तथा हर प्रकार के शुल्क, ग्रहणाधिकार किसी भी तरह के भार से मुक्त है और किसी अदालत या किसी नियामक निकाय के समक्ष इसकी सीमाओं या अधिकार पर कोई सवाल नहीं उठाया गया है।
तरल संपत्तियों के वास्ते भारत सरकार की प्रतिभूतियां

  • समाशोधन सदस्य भारत सरकार की प्रतिभूतियों (जी-सेक) और ट्रेजरी बिल (टी-बिल) के रूप में पात्र प्रतिभूतियों को जमा कर सकते हैं। ऐसी पात्र प्रतिभूतियों की सूची आईसीसीएल द्वारा सूचित की जाएगी।
  • समाशोधन सदस्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल पात्र सरकारी प्रतिभूतियां और टी-बिल आईसीसीएल के पास उनकी तरल संपत्तियों के लिए गिरवी रखे गए हैं और उक्त प्रतिभूतियां किसी लॉक-इन अवधि में नहीं हैं तथा हर प्रकार के शुल्क, ग्रहणाधिकार किसी भी तरह के भार से मुक्त है और किसी अदालत या किसी नियामक निकाय के समक्ष इसकी सीमाओं या अधिकार पर कोई सवाल नहीं उठाया गया है।

ऐसी पात्र प्रतिभूतियों की प्रक्रिया और सूची पर उपलब्ध है

भारत सरकार की प्रतिभूतियों (जी-सेक) को जमा करने और निकालने की प्रक्रिया


तरल संपत्तियों का निर्गमन अनुरोध प्रस्तुत करने की प्रक्रिया

  • सक्रिय सदस्यता की स्थिति वाले क्लियरिंग सदस्य, विशिष्ट यूजर-आईडी और पासवर्ड के माध्यम से क्लास कोलेटेरल मॉड्यूल में लॉगिन करके आईसीसीएल के पास रखी तरल संपत्तियां जारी करने के लिए ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं।
  • आईसीसीएल लागू नियमों, उपनियमों और विनियमों के तहत इस तरह के अनुरोधों पर दायित्वों और देनदारियों की उचित पूर्ति के लिए समायोजन के बाद पर विचार कर सकता है जो कि किसी भी ग्रहणाधिकार से मुक्त होना चाहिए।
  • समाशोधन सदस्य वेब आधारित क्लास कौलेटेरल मॉड्यूल में लॉगइन करके उपलब्ध कौलेटेरल जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं।

एक ट्रेडिंग सेगमेंट से दूसरे ट्रेडिंग सेगमेंट में कौलेटेरल का स्थानांतरण

Transfer of collateral from one trading segment to another trading segment


  • समाशोधन सदस्य मार्जिन के लिए रखी गयी तथा उपयोग में ना लाई जा रही कौलेटेरल राशि को, उस सीमा तक वहां से किसी भी ट्रेडिंग खंड में ऑनलाइन स्थानांतरित कर सकते हैं।
  • ट्रांसफर के लिए केवल प्रतिमोच्य बीजी की अनुमति होगी।
  • सभी खंडों में कौलेटेरल हस्तांतरण का मूल्यांकन सेबी/बीएसई/आईसीसीएल समय-समय करेगी जो हेयर-कट और अन्य मानदंडों/ मानदंडों के अधीन होगा।
  • समाशोधन सदस्य क्लास कौलेटेरल मॉड्यूल में स्थानांतरण के लिए अपने अनुरोध और इसकी स्थिति के विवरण जांच सकते हैं।